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chilblains treatment in hindi
HEALTH TIPS: आज हम आपको chilblains treatment in hindi बताएँगे, सर्दी के मौसम में हाथ और पैर, खासतौर पर पैर की उंगलियों पर लाल निशान बनने या खुजली के साथ सूजन आने की समस्या आम बात है। डॉक्टरों की मानें तो इस बीमारी को चिलब्लेन कहते हैं। कई बार ज्यादा खुजली के कारण हाथ पैरों में घाव भी हो सकते हैं। चिलब्लेन, ठंड में नंगे पैर घूमने या तापमान में अचानक बदलाव से होती है। इन दिनों में बच्चों और बुजुर्गों को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत होती है। यह एक कनेक्टिव टिश्यूज डिजीज है। हालांकि, साधारण उपाय करके इससे बचा जा सकता है।
तो आइए जानते हैं ठंड के मौसम में रूखे हाथ-पैर से बचने के कारगर नुस्खे, जो आपके हाथों-पैरों को सर्दी के मौसम में मुलायम रखने में मदद करेंगे।
ठंड में चिलब्लेन से कैसे बचें
- हाथ ज़्यादातर सूखे रखने की कोशिश करें।
- सुबह-शाम के समय पानी में काम करना जरूरी है तो गर्म पानी का इस्तेमाल करें।
- बाहर निकलते समय हाथों में दस्ताने और पैरों में जुराब जरूर पहनें।
- जहां तक संभव हो ऊनी व सूती कपड़े पहनने चाहिए।
- कम सर्दी में सूती और ज्यादा सर्दी में सूती के ऊपर ऊनी जुराब और दस्ताने पहनें।
- चिलब्लेन होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
सेंधा नमक से सिकाई के फायदे
- आयुर्वेदाचार्य डॉ चंद्र मोहन की मानें तो सर्दियों में हाथ-पैर में होने वाली सूजन और जलन से बचने के लिए गर्म पानी में सेंधा नमक मिलाकर 10 से 15 मिनट के लिए पैर इसमें रखें। पानी की गर्माहट दर्द को खींच लेगी और सेंधा नमक से शरीर में मैग्नीशियम की पूर्ति होगी। पैर को ड्राईनेस से बचाने के लिए इस प्रक्रिया को दिन में एक बार ही करें।
तेल और मोमबत्ती के फायदे
- सर्दियों में हाथ-पैर की सूजन और लालिमा से बचने के लिए मोमबत्ती व सरसों के तेल का मिश्रण बहुत फायदेमंद है। एक कटोरी में सरसों के तेल को गर्म करें और फिर उसमें एक मोमबत्ती डालें। मोमबत्ती को पूरा पिघलने तक इसे पकाएं। अब इसे ठंडा करें और सूजन वाली जगह पर लगाएं। हल्के हाथों से मसाज करें। 2 से 3 बार इसे लगाने पर आराम मिल जाएगा। आज के इस पोस्ट में chilblains treatment in hindi, chilblains homeopathy medicines, chilblains home remedies बताया गया है।
गर्म तेल से मालिश के फायदे
- कटोरी में थोड़ा जैतून या नारियल का तेल लें, तवे पर रखकर उसे गर्म कर लें। इस तेल से पैर की मसाज करें। मसाज हल्के हाथों से, कुछ मिनटों के लिए करें। इससे प्रभावित नसों में रक्त का संचार होगा और दर्द दूर होगा। जब तक सूजन बनी रहे, दिन में दो से तीन बार इस तरह से मसाज करें। ध्यान रखें कि मालिश के समय कमरे का तापमान सामान्य हो। एसी या ठंडे वातावरण में मालिश न करें
ठंड में आटे का फायदे
- आटे की गर्माहट से दर्द से जल्दी राहत मिल जाती है। आटे का पेस्ट बनाकर तीस मिनट तक दर्द वाली जगह पर लगाएं। उसके बाद गुनगुने पानी से धोकर हल्की मसाज के साथ मॉइस्चराइजर लगाएं।
Excellent ways and thanks a lot for sharing this wonderful post.
Sach mein bahut hi shandaar upaay hai.