शिवसेना की मांग: भारत को हिंदू राष्ट्र् बनाने के लिए मोहन भागवत को बनाया जाए राष्ट्रपति

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मुंबई। अगले राष्ट्रपति के लिए शिवसेना ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चीफ मोहन भागवत का नाम आगे किया है। सूत्रों के मुताबिक एक सीनियर बीजेपी नेता दावा कर चुके हैं कि लालकृष्ण आडवाणी, सुमित्रा महाजन, सुषमा स्वराज और झारखंड के गवर्नर द्रौपदी मुरमु में से किसी एक नाम पर प्रेसिडेंट पोस्ट के लिए आम राय बन सकती है।

सांसद राउत ने कहा कि यह देश की सबसे ऊंची पोस्ट है। साफ है कि क्लीन इमेज वाला शख्स ही इस पर बैठ सकता है। हमने सुना है कि राष्ट्रपति के लिए उनके (भागवत के) नाम पर चर्चा हुई है।” यदि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना है तो भागवत राष्ट्रपति के लिए बेहतर पंसद होंगे। लेकिन किस कैंडिडेट को पार्टी सपोर्ट करेगी यह फैसला उद्धव ठाकरेजी जी लेंगे।”

अपनी पसंद का राष्ट्रपति ऐसे बना सकेगी BJP

राष्ट्रपति को चुनने की प्रॉसेस में लोकसभा, राज्यसभा के साथ-साथ राज्यों की विधानसभाओं के मेंबर्स भी हिस्सा लेते हैं। 5 चुनावी राज्यों में से 2 में (यूपी, उत्तराखंड) बीजेपी को बहुमत हासिल हो गया है। इससे राष्ट्रपति चुनाव में उसके कैंडिडेट की राह आसान हो गई है क्योंकि 403 विधानसभा सीटों वाले यूपी का राष्ट्रपति चुनाव में बड़ा रोल होगा। बीजेपी अलायंस के पास 325 सीट हैं। हालांकि, उप राष्ट्रपति चुनावों पर इन नतीजों का कोई असर नहीं होगा क्योंकि यह सिर्फ दोनों सदनों (लोकसभा-राज्यसभा) के सांसदों के वोटों से तय होता है।

राष्ट्रपति चुनाव का गणित

10,98,882 राष्ट्रपति चुनाव में वोटों की वैल्यू है।
5.49 लाख वोट चाहिए राष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए।
4.57 लाख वोट हैं बीजेपी अलायंस के पास। यानी 92 हजार और वोटों की जरूरत है।
96508 वोट वैल्यू मिलेगी बीजेपी को 5 राज्यों में जीती गई सीटों सेे। इनमें से अकेले यूपी असेंबली के वोटों की वैल्यू 67600 है।
यूपीए-थर्ड फ्रंट मिलकर भी एनडीए के बराबर नहीं होंगे। बीजेपी की पसंद का राष्ट्रपति बनना तय है क्योंकि 5 राज्यों के नतीजों ने उसे जरूरी वोट उपलब्‍ध करा दिए हैं।