IPC Section 376 – The Indian Penal Code – भारतीय दण्ड संहिता की धारा 376

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Central Government Act IPC Section 376 in The Indian Penal Code

IPC 376 Punishment for rape—
(1) Whoever, except in the cases provided for by sub-section (2), commits rape shall be punished with imprisonment of either description for a term which shall not be less than seven years but which may be for life or for a term which may extend to ten years and shall also be liable to fine unless the women raped is his own wife and is not under twelve years of age, in which cases, he shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to two years or with fine or with both: Provided that the court may, for adequate and special reasons to be mentioned in the judgment, impose a sentence of imprisonment for a term of less than seven years.
(2) Whoever,—
(a) being a police officer commits rape—
(i) within the limits of the police station to which he is ap­pointed; or
(ii) in the premises of any station house whether or not situated in the police station to which he is appointed; or
(iii) on a woman in his custody or in the custody of a police officer subordinate to him; or
(b) being a public servant, takes advantage of his official position and commits rape on a woman in his custody as such public servant or in the custody of a public servant subordinate to him; or
(c) being on the management or on the staff of a jail, remand home or other place of custody established by or under any law for the time being in force or of a woman’s or children’s insti­tution takes advantage of his official position and commits rape on any inmate of such jail, remand home, place or institution; or
(d) being on the management or on the staff of a hospital, takes advantage of his official position and commits rape on a woman in that hospital; or
(e) commits rape on a woman knowing her to be pregnant; or
(f) commits rape on a woman when she is under twelve years of age; or
(g) commits gang rape, shall be punished with rigorous imprisonment for a term which shall not be less than ten years but which may be for life and shall also be liable to fine: Provided that the Court may, for adequate and special reasons to be mentioned in the judgment, impose a sentence of imprisonment of either description for a term of less than ten years. Explanation 1.—Where a woman is raped by one or more in a group of persons acting in furtherance of their common intention, each of the persons shall be deemed to have committed gang rape within the meaning of this sub-section. Explanation 2.—“Women’s or children’s institution” means an institution, whether called an orphanage or a home for neglected woman or children or a widows’ home or by any other name, which is established and maintained for the reception and care of woman or children. Explanation 3.—“Hospital” means the precincts of the hospital and includes the precincts of any institution for the reception and treatment of persons during convalescence or of persons requiring medical attention or rehabilitation.]

भारतीय दंड संहिता की (IPC) धारा-376

(1) जो कोई, उपधारा (2) द्वारा उपबन्धित मामलों के सिवाय, बलात्संग करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष से कम की नहीं होगी किन्तु जो आजीवन या दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा, सिवाय तब के जब कि वह स्त्री जिसके साथ बलात्संग किया गया है, उसकी अपनी पत्नी है और बारह वर्ष से कम आयु की नहीं है और ऐसे मामले में वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से या दोनों से, दण्डित किया जाएगा :
परन्तु न्यायालय पर्याप्त और विशेष कारणों से, जो निर्णय में उल्लिखित किए जाएंगे, सात वर्ष से कम अवधि के कारावास का दण्डादेश अधिरोपित कर सकेगा ।
(2) जो कोई–
(क) पुलिस अधिकारी होते हुए–
(त्) उस पुलिस थाने की सीमाओं के भीतर, जिसमें वह नियुक्त है, बलात्संग करेगा, या
(त्त्) किसी भी थाने के परिसर में चाहे वह ऐसे पुलिस थाने में, जिसमें वह नियुक्त है, स्थित है या नहीं, बलात्संग करेगा, या
(त्त्त्) अपनी अभिरक्षा में या अपने अधीनस्थ किसी पुलिस अधिकारी की अभिरक्षा में किसी स्त्री के साथ बलात्संग करेगा ; या
(ख) लोक सेवक होते हुए, अपनी शासकीय स्थिति का लाभ उठाकर, किसी ऐसी स्त्री के साथ जो ऐसे लोक सेवक के रूप में उसकी अभिरक्षा में या उसके अधीनस्थ किसी लोक सेवक की अभिरक्षा में है, बलात्संग करेगा ; या
(ग) किसी जेल, प्रतिप्रेषण गॄह या तत्समय प्रवॄत्त किसी विधि द्वारा या उसके अधीन स्थापित अभिरक्षा के अन्य स्थान के या स्त्रियों या बालकों की किसी संस्था के प्रबंध या कर्मचारिवॄंद में होते हुए, अपनी शासकीय स्थिति का लाभ उठा कर ऐसी जेल, प्रतिप्रेषण गॄह, स्थान या संस्था के किसी निवासी के साथ बलात्संग करेगा ; या
(घ) किसी अस्पताल के प्रबंध या कर्मचारिवॄंद में होते हुए, अपनी शासकीय स्थिति का लाभ उठाएगा और उस अस्पताल में किसी स्त्री के साथ बलात्संग करेगा ; या
(ङ) किसी स्त्री के साथ यह जानते हुए कि वह गर्भवती है, बलात्संग करेगा ; या
(च) किसी स्त्री के साथ, जो बारह वर्ष से कम आयु की है, बलात्संग करेगा ; या
(छ) सामूहिक बलात्संग करेगा,
वह कठोर कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष से कम नहीं होगी, किन्तु जो आजीवन हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा :
परन्तु न्यायालय पर्याप्त और विशेष कारणों से, जो निर्णय में उल्लिखित किए जाएंगे, दोनों में से किसी भांति के कारावास का, जिसकी अवधि दस वर्ष से कम की हो सकेगी, दण्डादेश अधिरोपित कर सकेगा ।
स्पष्टीकरण 1–जहां किसी स्त्री के साथ बलात्संग व्यक्तियों के समूह में से एक या अधिक व्यक्तियों द्वारा, अपने सामान्य आशय को अग्रसर करने के लिए किया जाता है, वहां प्रत्येक व्यक्ति के बारे में यह समझा जाएगा कि उसने इस उपधारा के अर्थ में सामूहिक बलात्संग किया है ।
स्पष्टीकरण 2–स्त्रियों या बालकों की किसी संस्था से ऐसी कोई संस्था अभिप्रेत है जिसका नाम चाहे अनाथालय हो या उपेक्षित स्त्रियों या बालकों के लिए गॄह हो या विधवाओं के लिए गॄह या कोई भी अन्य नाम हो, जो स्त्रियों और बालकों को ग्रहण करने और उनकी देखभाल करने के लिए स्थापित या अनुरक्षित है ।
स्पष्टीकरण 3–अस्पताल से अस्पताल का अहाता अभिप्रेत है और इसके अन्तर्गत ऐसी किसी संस्था का अहाता है जो उल्लाध (आरोग्य स्थापन) के दौरान व्यक्तियों को या चिकित्सीय ध्यान या पुनर्वास की अपेक्षा रखने वाले व्यक्तियों को, प्रविष्ट करने और उनका उपचार करने के लिए है ।

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