IPC Section 304B – The Indian Penal Code – भारतीय दण्ड संहिता की धारा 304ख

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IPC 304B in Hindi

IPC Section 340B in Hindi – किसी स्त्री की विवाह उपरान्त सात वर्षों के भीतर यदि जलने से, शारीरिक क्षति से, असामान्य परिस्थितियों में या संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो जाती है और यह बात सामने आती है कि मृत्यु से पूर्व उस स्त्री को उसके पति या पति के रिश्तेदारों द्वारा दहेज की मांग के लिए क्रूरता,प्रताड़ित या तंग किया गया था तो यह मृत्यु साधारण मृत्यु न होकर दहेज़ मृत्यु मानी जाएगी। इस तरह के मामले की शिकायत मिलने पर पुलिस इसका संज्ञान ले कर आरोपी को गिरफ्तार कर सकती है और इस धारा के गैर-जमानती होने के कारण इस मामले में तुरंत जमानत नहीं मिलती है। आरोपी या आरोपियों पर दोष सिद्ध होने पर कम से कम सात वर्ष से आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।

आईपीसी धारा 304B की सजा और जमानत

  1. अपराधी को दंड के रूप में 07 साल से आजीवन कारावास तक की कैद की सजा दी जा सकती है।
  2. यह गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और अदालत द्वारा माना जाता है और यह अपराध समझौता करने लायक नहीं है।

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IPC 304B in English

IPC Section 340B in English – Where the death of a woman is caused by any burns or bodily injury or occurs otherwise than under normal circumstances within seven years of her marriage and it is shown that soon before her death she was subjected to cruelty or harassment by her husband or any relative of her husband for, or in connection with, any demand for dowry, such death shall be called “dowry death”, and such husband or relative shall be deemed to have caused her death. For the purposes of this sub-section, “dowry” shall have the same meaning as in section 2 of the Dowry Prohibition Act, 1961 (28 of 1961).Whoever commits dowry death shall be punished with imprisonment for a term which shall not be less than seven years but which may extend to imprisonment for life.

IPC Section 304B Punishment & Bail

  1. he criminal can be given 07 years to life imprisonment of imprisonment as a punishment or fine or both.
  2. This is a non-bailable, cognizable offense and considered by the court and this crime is not worth the compromise.

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