.केरल के कोझिकोड के नदापुरम में गुरुवार देर शाम आरएसएस के कार्यलाय के पास हुए धमाके में आरएसएस के 4 कार्यकर्ता घायल हो गए हैं. बताया जा रहा कि यह हमला दो बाइक सवारों ने किया. अचानक वे दफ्तर के पास आए और देसी बम फेंक कर फरार हो गए. घायल आरएसएस के कार्यकर्ताओं को राजकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है. राज्य में इससे पहले भी आरएसएस के कार्यकर्ताओं पर हमला हुआ था. घायलों की पहचान बाबू, विनेश, सुधीर और सुनील के रूप में हुई है.
वहीं दूसरी खबर है कि बीती रात कोझिकोड के विश्णुमंगलं इलाके में सीपीएम दफ्तर को भी आग के हवाले कर दिया गया. इस आगजनी में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है.
आरएसएस के दफ्तर में धमाके की खबर के बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और मामले की जांच में जुट गई. ये धमाका गुरुवार देर शाम हुआ. धमाके के बाद पुलिस ने नदापुरम में सुरक्षा बढ़ा दी है. पुलिस ने धमाके के संबंध में जानकारी दी कि कलाची में गुरुवार देर शाम करीब साढ़े आठ बजे यह घटना घटी.
यह हमला आरएसएस के सह प्रचार प्रमुख कुंदन चंद्रावत के उस बयान के कुछ घंटों बाद हुआ है, जिसमें उन्होनें केरल के मुख्यमंत्री का सिर लाने की बात कही थी. बता दें कि चंद्रावत ने केरल में स्वयं सेवकों की कथित तौर पर माकपा कार्यकर्ताओं द्वारा की गई हत्या का बदला लेने पर इनाम देने की घोषणा की थी. उन्होंने केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन का सिर कलम करने पर एक करोड़ रुपए के इनाम की घोषणा की थी।
आपको बता दें कि हाल ही में राज्य के कन्नूर जिले में कथित तौर पर माकपा कार्यकर्ताओं ने बीजेपी के 30 साल के एक कार्यकर्ता की चाकू मारकर हत्या कर दी थी. एक अन्य घटना में थालीपरंबा स्थित आरएसएस के कार्यालय पर एक देसी बम फेंका गया था. हालांकि उस समय घटना में कोई हताहत नहीं हुआ था. केरल में अपने कार्यकर्ताओं की हत्या के मुद्दे पर नागपुर से लेकर बेंगलुरु तक और वडोदरा से लेकर उज्जैन तक आरएसएस पहले ही सड़क पर है. आरएसएस का आरोप है कि केरल में सीपीएम के सत्ता में आने के बाद 8 महीने में 12 कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है.
आरएसएस ने आरोप लगाया कि राज्य में पिछले 20 साल में उनके 250 कार्यकर्ताओं की हत्या हो चुकी है. हालांकि, आरएसएस ने चंद्रावत की टिप्पणी से अपनी दूरी बना ली. संघ के राष्ट्रीय सह प्रचार प्रमुख जे. नंद कुमार ने कहा कि आरएसएस ऐसी टिप्पणियों की सख्त निंदा करता है संघ हिंसा में यकीन नहीं रखता. केरल में पहले वामपंथियों और कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के बीच खूनी हिंसा होती रही है लेकिन पिछले एक दशक में अब ये लड़ाई आरएसएस और लेफ्ट के बीच हो रही है।