देश विदेश समाचार: ट्रंप प्रशासन की ओर से निकट भविष्य में एच-1 बी वीजा को लेकर किसी कार्यकारी आदेश को मंजूरी दिए जाने की योजना नहीं है। जाने-माने अमेरिकी डोनर और प्रेजिडेंट डॉनल्ड ट्रंप के समर्थक शलभ कुमार ने यह दावा किया है। इससे पहले एच-1बी वीजा को लेकर इस सप्ताह के अंत तक आदेश जारी किए जाने की खबरें थीं, जिस पर भारत के आईटी सेक्टर में हलचल की स्थिति हो गई थी। रिपब्लिकन हिंदू गठबंधन के हेड शिकागो स्थित शलभ कुमार ने पत्रकारों से कहा, ‘अमेरिका में अभी और एच-1बी वीजा जारी किए जाने की जरूरत होगी। भारत से इस वीजा पर अमेरिका में जितने लोग हैं, उस संख्या में निकट भविष्य में इजाफा होगा।
पत्रकारों के सवालों के जवाब में कुमार ने मीडिया रिपोर्ट्स के उलट दावा करते हुए कहा कि एच-1बी वीजा को लेकर वाइट हाउस में किसी कार्यकारी आदेश को पारित किए जाने की तैयारी नहीं चल रही है। उन्होंने कहा कि अमेरिका की इकॉनमी के विकास में आईटी सेक्टर महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। शलभ कुमार ने कहा, ‘जहां तक मैं देख पा रहा हूं, भविष्य में अमेरिका में और आईटी वर्कर्स की जरूरत होगी।’ उन्होंने कहा कि अमेरिका में फिलहाल आईटी वर्कर्स की खासी कमी है और इसे भारतीय आईटी प्रफेशनल्स के जरिए ही पूरा किया जा सकता है।
.कुमार ने कहा कि ट्रंप प्रशासन की ओर से एच-1बी वीजा के दुरुपयोग और धोखाधड़ी के मामलों को रोकने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि वाइट हाउस की ओर से प्रत्येक देश का ग्रीन कार्ड कोटा कम किए जाने का फैसला लिया जा सकता है। इसके तहत व्यक्ति को वैध स्थायी नागरिक बनने का अधिकार मिलता है। शलभ ने कहा कि फिलहाल भारतीयों को 35 साल के इंतजार के बाद ग्रीन कार्ड मिल पाता है, ऐसे में आईटी प्रफेशनल्स को इस नए कानून से खासी मदद मिलेगी। हाल ही में आईं मीडिया रिपोर्ट्स में दावे किए गए थे कि ट्रंप प्रशासन एच-1बी और एल-1 वीजा के नियमों को सख्त किया जा सकता है। आमतौर पर भारतीय आईटी प्रफेशनल्स इन वीजा सुविधाओं पर ही अमेरिका जाते हैं।